बस्ती – 28 अगस्त
कायस्थ वाहिनी अंतर्राट्रीय द्वारा चलाये जा रहे मुहिम – न्यायालयों में उपस्थित रोमन देवी की मूर्ती बदल कर भगवान चित्रगुप्त की मूर्ती स्थापना हेतु ।
एक पत्र प्रधानमंत्री मंत्री के नाम
धीरे धीरे गति ले रहा है न सिर्फ कायस्थ समाज के लोग बल्कि अन्य सभी सनातन हिन्दू समाज के लोग प्रधानमंत्री को पोस्ट कार्ड भेज कर अपना विचार प्रस्तुत कर रहे हैं ।
प्रधानमंत्री जी से लोगों ने आग्रह किया है कि जल्द से जल्द न्यायालयों में सृष्टि के कर्मों के न्यायाधीश भगवान चित्रगुप्त की मूर्ती स्थापित हो ।
लोगों का कहना है कि कायस्थ वाहिनी अंतर्राष्ट्रीय के प्रमुख पंकज भैया कायस्थ की मांग से सहमत होते हुए इस मांग का समर्थन करते हैं ।
चूंकि न्याय के देवता भगवान चित्रगुप्त ही हैं और जैसा कि पुराणों में वर्णित है उनके पास ही सभी जीवों के कर्मों का लेखा-जोखा होता है और वही सबको न्याय प्रदान करते हैं ।
1 जुलाई को भारत सरकार ने न्यायालय की न्याय प्रणाली में कुछ धाराओं और नामों को इस आशय के साथ परिवर्तित किया था कि उनसे गुलामी के समय से चली आ रही अवधारणा बदल जाए। न्यायालय में रोमन देवी जस्टिशिया की मूर्ति आज भी गुलामी के प्रतीक के रूप में विराजमान है।