अजित पवार ने BJP के विरोध के बाद भी नवाब मलिक को मानखुर्द सीट से टिकट दे दिया

मुम्बई – 30 अक्टूबर :- फ्यूचर न्यूज़

            महाराष्ट्र में विधानसभा चुनाव के लिए नवाब मलिक की उम्मीदवारी को लेकर सस्पेंस तो खत्म हो गया, लेकिन विवाद खत्म होने का नाम नहीं ले रहा. अजित पवार ने BJP के विरोध के बाद भी नवाब मलिक को मानखुर्द सीट से टिकट दे दिया. मंगलवार को नामांकन की प्रक्रिया खत्म होने से ऐन वक्त पहले मलिक ने मानखुर्द सीट से पर्चा दाखिल किया. इससे पहले उन्होंने निर्दलीय के तौर पर 2 नामांकन किया था. अब नवाब मलिक ने बताया है कि आखिर उनके टिकट को लेकर महायुति (BJP, अजित पवार की NCP और एकनाथ शिंदे की शिवसेना का गठबंधन) में आखिर क्या कंफ्यूजन था।

              नवाब मलिक ने बताया कि किसी भी प्रत्याशी को 4 फार्म भरने का अधिकार है. 2 पार्टी के नाम से और 2 निर्दलीय मैंने पर्चा भरा है और मैं एनसीपी का अधिकृत उम्मीदवार हूं. गठबंधन में सीट पर जब चर्चा हुई थी तो यह सीट हमारी पार्टी को मिली थी. सीट छोड़ने के बाद दूसरे दल के लोग डिक्टेट नहीं कर सकते. चाहे वो शिवसेना हो या भाजपा. शिवाजीनगर मानखुर्द सीट से अबु आजमी के सामने नवाब मलिक चुनाव लड़ रहे हैं. अबु आजमी (Abu Azmi) इस सीट से तीन बार से चुनाव में जीत दर्ज कर रहे हैं. वहीं उनकी बेटी सना मलिक अणुशक्तिनगर से एनसीपी उम्मीदवार हैं. दोनों सीट से शिवसेना ने भी उम्मीदवार बनाए हैं. सना के खिलाफ शिवसेना के अविनाश राणे उम्मीदवार हैं. नवाब मलिक ने कहा कि बेटी की सीट पर भाजपा के दो लोगों ने निर्दलीय पर्चा दाखिल किया है. ये तो अपेक्षित था और ये होना था. हमे पूरी उम्मीद थी. विपरीत परिस्थितियों में भी चुनाव निकालेंगे ।

           नवाब मलिक ने कहा कि जब मैं मंत्री बना तो बेटी ही क्षेत्र में काम कर रही थी. फिर कोविड में कोरोना के समय लोगों की जनसमस्याओं का समाधान भी उसी के जरिए हो रहा था. लोग उसी से मिलने के लिए दफ्तर आते थे. तब ठान लिया था कि मैं चुनाव नहीं लड़ूंगा. फिर मानखुर्द की जनता घर और दफ्तर आकर कहने लगी कि आप यहां से लड़िए. हम लोग गुंडई से त्रस्त हैं. पूरा ड्रग्स का कारोबार यहां चल रहा है. कुपोषण से लेकर एजुकेशन तक में पिछड़ा हुआ है. वर्तमान विधायक फिल्मी विलेन की तरह काम कर रहे हैं. लोग चाहते हैं कि इस हालात को खत्म किया जाए. मैंने अजित पवार जी से बात की. भले 90 हजार वोट से पिछले चुनाव में पीछे थे, लेकिन अगर आप मुझे टिकट देंगे तो मैं चुनाव लड़कर सीट निकाल लूंगा. अगर आप नहीं चाहते तो मैं निर्दलीय चुनाव लड़ूंगा. तो उन्होंने कहा कि नहीं आपको पार्टी से लड़ना पड़ेगा. उन्होंने अपना वादा निभाया. मैं उनका आभारी हूं. शिवसेना और भाजपा के विरोध के बावजूद अजित पवार डटे रहे. शिवाजीनगर मानखुर्द से शिवसेना के सुरेश पाटिल लड़ रहे हैं।

             गठबंधन में फूट के पर नवाब मलिक ने कहा कि ये अपेक्षित था. ये चौंकाने वाला नहीं है. हर चुनाव में ऐसा होता रहा है. हम चुनाव जीतते रहे हैं और फिर जीतेंगे. बीजेपी वालों को मेरा प्रचार न करना पड़े इसीलिए शिंदे साहब के उम्मीदवार को खड़ा किया है. मुझपर जो आरोप लगाए जाते हैं वो गलत हैं. मनी लांड्रिंग का मामला कोर्ट में है. केस को लेकर कोई बात नहीं करेंगे. हम पूरी तरह से कोर्ट से साफ होकर निकलेंगे. मैं ठह बार मंत्री रहा, ऐसे व्यक्ति पर करप्शन का आरोप लगाना आसान होता था. अब वो नहीं हुआ तो दाऊद से नाम जोड़ा जाता है. जब-जब मुझे दबाने की कोशिश की गई मैंने वापसी की।

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